Dr. A.P.J. Abdul Kalam
Biography in Hindi
ए.पी.जे. अ दलु कलाम क जीवनी
हमारे देश के यारहव रा पत, एक यात ा त कुशल वै ानक, लेखक तथा युवा पीढ़ के पथ दशक, जी हाँ हम बात कर रहे ह वगय ी ए. पी. जे. अ दलु कलाम जी (A.P.J. Abdul Kalam) क , जो न जाने कतने ह लोग के लए ेरणा (Inspiration) बन गए | ये एक उ च वचार वाले यि त थे िज हने तमलनाडु के छोटे से गाँव म ज म लया था | अपनी कड़ी तप या और उ च स ांत के कारण ह वे इस मुकाम तक पहुंचे | भारत के हर घर म उनका नाम बहुत ह स मान के साथ लया जाता है, यहाँ का हर व याथ उनको अपना आदश (Idol) व प मानता है | इनके कई कथन ने युवाओ ं को एक नई दशा दान क |
कलाम साहब क पु य तथ (27 जुलाई 2015) भी आने को ह है तो आज हम उनके मरण म आपको उनके जीवन क व ततृ जानकार दगे या यूँ कह लिजये क हम आपको ए. पी. जे. अ दलु कलाम क जीवनी
(Dr. A.P.J. Abdul Kalam Biography in Hindi) के बारे म व तार से जानकार दगे | हम आपको इस लेख वारा बताएँगे क कैसे उ हने एक छोटे से गाँव से लेकर रा पत बनने का अ तु सफ़र तय कया |
A.P.J. Abdul Kalam Autobiography in Hindi
A.P.J. Abdul Kalam का ज म 15 अ टूबर 1931 को तमलनाडु के छोटे से गाँव म हुआ, िजसका नाम धनुषकोडी है | इस गाँव म वे अपने सयं ु त परवार के साथ रहते थे | उनके परवार क आथक ि थत ठक नहं थी | उनके पता मछुआर को नाव कराए पर देते थे तथा उनक माता गृहणी थीं | A.P.J. Abdul Kalam साहब ने अपनी श ा का आर भ रामे वरम के एक ाथमक व यालय से कया | कलाम साहब ने अपनी पढ़ाई पूर करने व ् घर क आथक सहायता हेतु अख़बार बेचने का काय आर भ कया |
A.P.J. Abdul Kalam ने बारहवीं रामनाथपुरम म ि थत वा ज़ मै कुलेशन कूल (Schwartz Higher Secondary School) म स प न क | त प चात उ हने नातक क उपाध (Bachelor Degree) ा त करने हेतु सट जोसफ कॉलेज (St. Joseph College) म दाखला लया जो त चरा प ल म ि थत है | क तु यहाँ उनक श ा का अंत नहं हुआ, उ ह पढने व ् सीखने का बहुत शौक था | वह आगे क पढ़ाई हेतु 1955 म म ास जा पहुंचे जहां से उ हने 1958 म अंतर व ान म नातक क उपाध ा त क | उनका सपना था क वह भारतीय वायु सेना म फाइटर लेन के चालक यान पायलट (Pilot) बन सक, पर तु यह पूण न हो पाया, पर फर भी उ हने हार नहं मानी | इसके प चात उ हने भारतीय र ा अनुसंधान एवं वकास सं थान (DRDO) म वेश कया जहां उ हने हावर ा ट परयोजना का सफल संचालन कया | पर तु DRDO म अपने काय से संतु ट न होने के कारण उ हने इसे छोड़ दया |
इसके प चात उ हने 1962 म भारतीय अंतर अनुसंधान संगठन (ISRO) म वेश कया | इसरो (ISRO) म A.P.J. Abdul Kalam ने कई परयोजनाओ ं का सफलतापूवक संचालन कया, िजनम से सबसे मह वपूण था उनके वारा भारत के पहले उप ह “पृ वी” िजसे SLV3 भी कहा जा सकता है, का पृ वी क क ा के नकट थापत कया जाना | इस काय को Dr. A.P.J. Abdul Kalam ने 1980 म बहुत ह मेहनत तथा लगन के साथ संप न कया | उनक इसी सफलता के बाद भारत भी अंतरा य अंतर लब का सद य बन पाया | इस दौर म वह इसरो (ISRO) म भारत के उप ह ेपण यान परयोजना के नदेशक के पद पर नयु त थे | इसरो के कायकाल के दौरान ह उ हने और भी उपलि धयां हासल कं जैसे – नासा क या ा, स वै ानक राजा रम ना के साथ मलकर भारत का पहला परमाणु पर ण, गाइडेड मसाइ स को डज़ाइन करना | इन सबके प चात A.P.J. Abdul Kalam एक सफल तथा यात ा त वै ानक (Scientist) बन चुके थे | 1981 म उ ह भारत सरकार वारा प भूषण से स मानत कया गया | 1982 म वह पुन: भारतीय अंतर अनुसंधान संगठन (ISRO) के नदेशक के प म व यमान हुए | अब उ हने वदेशी ल य भेद नयं त
ेपा (गाइडेड मसाइ स) क तरफ अपना यान केि त कया |
Dr. A.P.J. Abdul Kalam को 1990 म फर प वभूषण से नवाज़ा गया | त प चात वे 1992 से लेकर 1999 तक के कायकाल म र ा मं ी के व ान सलाहकार के पद पर नयु त रहे, साथ ह वह सुर ा शोध और वकास वभाग के सचव भी थे | 1997 म उनका भारत के त योगदान देखते हुए उ ह भारत र न से स मानत कया गया | उ हं के नेतृव म 1998 म भारत ने अपना दसू रा सफल परमाणु पर ण कया | कलाम साहब क ह देन है क भारत आज परमाणु हथयार के नमाण म सफल हो पाया है | इस दौर म वह भारत के सबसे स एवं सफल परमाणु वै ानक (Nuclear Scientist) थे |
2002 म उनके त भारत क जनता म स मान देखते हुए, जीवन क उपलि धय तथा भारत के त उनका लगाव देखते हुए एन. डी. ए. ने उ ह रा पत पद का उ मीदवार घोषत कया | फल व प वह चुनाव म वजयी होकर 2002 म भारत के रा पत (President) के प म हमारे सामने आये | उ ह “जनता का रा पत (People's President)” कहकर संबोधत कया जाने लगा |
उनके इस कायकाल के दौरान उ हने कई सभाएं संबोधत कं िजनम उ हने भारत के तथा यहाँ रह रहे युवाओ ं के भव य को बेहतर बनाने हेतु बात पर जोर दया | यह तो हम सभी जानते ह क A.P.J. Abdul Kalam अपनी नजी िज़ंदगी म एक सरल तथा अनुशासन य यि त थे | वे ब च से बहुत अधक नेह करते थे, उ ह हमेशा ऐसी सीख देते थे जो उनके भव य को बेहतर बनाने म सहायता करे | वे राजनीतक यि त नहं थे, क तु राजनीत म रहकर वे देश के वकास के बारे म सोचते थे | वे जानते थे क युवाओ ं का बेहतर वकास ह देश को आगे लेकर जा सकता है | वे चाहते थे क परमाणु हथयार के े म भारत एक बड़ी शि त के प म जाना जाए | उनका कहना था क “2000 वष के इतहास म भारत पर 600 वष तक अय लोग ने शासन कया है। यद
आप वकास चाहते ह तो देश म शांत क िथत होना आवयक है और शांत क थापना शित से होती है। इसी कारण ेपा को वकसत कया गया ताक देश शित सपन हो।“
A.P.J. Abdul Kalam का रा पत कायकाल 2007 म समा त हुआ | इसके प चात वह कई जगह पर ोफेसर (Professor) के तौर पर कायरत रहे जैसे- शलग, अहमदाबाद तथा इंदौर के भारतीय बंधन सं थान , व ् बगलोर के भारतीय व ान सं थान म | उसके बाद वह अ ना व वव यालय म एयरो पेस इंजीनयरगं
(Aerospace Engineering) के ोफेसर रहे | ए. पी. जे. अ दलु कलाम (A.P.J. Abdul Kalam) ने भारत के
कई अ य स शै क सं थान म भी अपना योगदान दया |
आप म से शायद बहुत कम लोग ये जानते हगे क वे गीता और कुरान, दोन का अनुसरण करते थे | उ ह भि त गीत सुनने का तथा वा य य बजाने का भी बहुत शौक था | उनका लगाव भारत क सं कृ त
(Tradition) के त बहुत अधक था |
27 जुलाई 2015 को ये “मसाइल मैन (Missile Man)” हम सब को छोड़ कर चले गए तथा उनका जाना हमारे देश के लए कभी पूण न होने वाल त (Loss) थी | कलाम साहब क मृयु क वजह दल का दौरा था | यह उस व त हुआ जब वह शलग के भारतीय बंधन सं थान म एक या यान (Lecture) दे रहे थे | 28 जुलाई को उ ह द ल म तथा 29 जुलाई को उ ह मदरुै म ांजल (Tribute) द गयी | 30 जुलाई को उ ह उ ह के नगर रामे वरम के पी क बु ाउंड म पूरे स मान के साथ दफनाया गया तथा यहाँ उ ह 3,50,000 से यादा नागरक दांजल देने पहुंचे | शायद आप जानते नहं हगे क गूगल भी उनक पु य तथ पर अपने मु य पृठ (Home Page) पर काला रबन दखा रहा था | भारत सरकार ने उनके स मान (Honor) म सात दवसीय राजकय शोक क घोषणा क | संयु त रा वारा वगय डॉ टर ए. पी. जे. अ दलु कलाम के 79 व ज मदन को व व व याथ दवस
(World Student Day) के प म मनाया गया | उ हने युवाओ ं को ेरत (Inspire) करने हेतु कई कताब लखीं जो बहुत ह भावशाल ह – वं स ऑफ़ फायर, ए मैनफे टो फॉर चज, इं पायरगं थॉ स, इ याद | ये कताब भी कलाम साहब ( Dr. A.P.J. Abdul Kalam) क तरह ेरणादायक (Inspirational) ह |
Dr. A.P.J. Abdul Kalam ऐसे श स थे जो एक ग़रब परवार से आये और अपनी मेहनत (Hard Work) और अनुशासन के कारण एक सफल वै ानक, एक लोक य रा पत तथा एक आदश ोफेसर बन गए | अगर आप इनके जीवन का गहन अ ययन करगे तो जान पाएंगे क हालात को िज मेदार ठहराते हुए हार मानकर बैठने वाले लोग कभी आगे नहं बढ़ते | व व भर के लोग, बच के त उनके नेह, उनक सरलता तथा वन ता क शसं ा कया करते ह | कलाम साहब म सीखने क भूख थी | इतनी व व स पाने के बाद भी वह बेहद सरल और साधारण इंसान थे |
इनक एक कहावत है, " "सबसे उतम काय या होता है? कसी इंसान के दल को खुश करना, कसी भूखे को
खाना देना, ज़रतमंद क मदद करना, कसी दुखयारे का दखु हका करना और कसी घायल क सेवा
करना..." |
0 Comments